सुभद्र झा वाक्य
उच्चारण: [ subhedr jhaa ]
उदाहरण वाक्य
- १९८६-सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)
- सुभद्र झा ने कबीर का जन्म मिथिला माना है।
- १९८६-सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)
- सुभद्र झा, सन उच्च कोटि के विद्वान और साहित्यिक व्यक्तित्वों के चलते मिथिलांचलक ख्याति रहे।
- वृहत् ग्रंथावली ' के नाम से तैयार की थी, जो मैथिली के प्रख्यात विद्वान और साहित्यकार डॉ. सुभद्र झा के निजी संग्रह में थी।
- डॉ. सुभद्र झा का मानना है कि “विश्वस्त अभिलेखों के आधार पर हम यह कहने की स्थिति में है कि हमारे कवि का मसय १३५२ ई. और १४४८ ई. के मध्य का है।
- लक्ष्मीनाथ परमहंस के परम शिष्य जॉन क्रिश्चियन ने उनकी दोहावली और गीतावली की एक पांडुलिपि ‘वृहत् ग्रंथावली ' के नाम से तैयार की थी, जो मैथिली के प्रख्यात विद्वान और साहित्यकार डॉ. सुभद्र झा के निजी संग्रह में थी।
- मिश्र ‘अमर ' (मैथिली कवि), डा. रामदेव झा (मैथिली कथाकार एवं मनीषी) पं. सुरेन्द्र झा ‘सुमन' (मैथिली कवि-पत्रकार), डा. सुभद्र झा (विश्वीविख्यात भाषा शास्त्री), प्रतिबद्धता: माता, मातृभूमि, मातृभाषा, रंगमंचीय सक्रियता: भारती कला परिषद्, कबिलपुर, लक्ष्मी अभिन
- कालांतर में हिन्दी व्याकरण के रचयिता पाणिनी, जयमंत मिश्र, महामहोपाध्याय मुकुन्द झा “ बक्शी ” मदन मोहन उपाध्याय, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह “ दिनकर ”, बैद्यनाथ मिश्र “ यात्री ” अर्थात नागार्जुन, हरिमोहन झा, काशीकान्त मधुप, कालीकांत झा, फणीश्वर नाथ रेणु, बाबू गंगानाथ झा, डॉक्टर अमरनाथ झा, बुद्धिधारी सिंह दिनकर, पंडित जयकान्त झा, डॉक्टर सुभद्र झा, जैसे उच्च कोटि के विद्वान और साहित्यिक व्यक्तित्वों के चलते मिथिलांचल की ख्याति रही।
अधिक: आगे